गुरु🙏

मां-बाप ने
जीवन दिया
गुरु ने
जीवन ‘रस’ दिया
मन में उलझे
उलझनो को
वचन प्रताप से
मिटा दिया
याचना मात्र से ही
गुरु ने
ज्ञान रुपी
अनमोल संपत्ति दे
शिष्य को
कृतार्थ किया
गुरु बिन
ज्ञान कहां होता
‘जीवन’ जैसे
बिन पानी का
रेगिस्तान होता।

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