अब मैं नहीं (I dont exist)

ओ मेरे प्रिय, अब कहाँ, क्या ढूँढ़ूढूँढ़ने के लिए कुछ शेष नहीं अब किसे पाने की इच्छा करूँ तुझे पाने के बाद कुछ पाने के लिए शेष नहींओ मेरे प्रीत!अभी …

Guru-God

‘स्वयं’ रूप आपने दिखलायो, बंद नेत्र आपकूँ ही पायो।खुले जूँ ये तो मन हर्षायो, गुरु-ईश्वर में कछु भेद न पायो।। मैं तो माटी लोथड़ा, कछु ना जाको मोल।गुरु छूअत बनी …